याचिका क्या है? याचिका लिखने की आसान गाइड

जब आपको न्यायालय में कुछ पाना हो, तो सबसे पहला कदम याचिका दायर करना होता है। याचिका मूल रूप से एक लिखित आवेदन है जिसमें आप अपनी समस्या, माँग और कारण बताते हैं। यह सिर्फ फॉर्म नहीं, बल्कि आपका अधिकार बचाने का तरीका है। अगर आप सही ढंग से याचिका लिखें, तो अदालत आपका केस समझेगी और जल्दी कार्रवाई करेगी।

याचिका के प्रकार

याचिका अलग‑अलग स्थितियों के लिए बनी होती है। सबसे आम हैं:

  • अधिकार याचिका – जब आपका मौलिक अधिकार भंग हो, जैसे मौखिक उत्पीड़न या अनुचित बर्खास्तगी।
  • सिविल याचिका – संपत्ति विवाद, किराए के दावों या कर्ज़ की वसूली के लिए।
  • क्रिमिनल याचिका – चोरी, धोखाधड़ी या हिंसा के मामलों में दोषी को मुकदमा चलाने के लिये।
  • विवाद समाधान याचिका – जब दो पार्टियों के बीच कोई समझौता नहीं हो रहा, तो न्यायालय को समाधान के लिए बुलाते हैं।

प्रत्येक याचिका के लिए अलग‑अलग फॉर्मेट और दस्तावेज़ चाहिए होते हैं, इसलिए अपने केस के हिसाब से सही प्रकार चुनना ज़रूरी है।

याचिका कैसे तैयार करें

सबसे पहले अदालत का नाम, केस नंबर (अगर है) और पक्षों के नाम लिखें। फिर एक साफ़ शीर्षक दें, जैसे “अधिकार याचिका” या “सिविल याचिका”। उसके बाद मुख्य भाग में तीन भाग रखें:

  1. परिचय – अपने बारे में, आपका पता और संपर्क विवरण।
  2. विवरण – घटना कब, कहाँ और कैसे हुई, कौन‑कौन शामिल था, और अब तक क्या किया गया। यह भाग तथ्यात्मक और क्रमबद्ध होना चाहिए।
  3. माँग – अदालत से आप क्या चाहते हैं – जैसे मुआवजा, पुनर्स्थापना या आदेश।

हर पैराग्राफ छोटा रखें और लम्बी जटिल वाक्य नहीं बनायें। याचिका के अंत में “भवदीय” लिखें और अपना हस्ताक्षर डालें। यदि दस्तावेज़ों की जरूरत है, जैसे रसीदें, फोटो या मेडिकल रिपोर्ट, तो उन्हें संलग्न करना न भूलें।

एक बार तैयार हो जाए तो याचिका को स्थानीय अदालत में जमा करें। जमा करने के बाद एक रसीद मिलेगी, उसे सुरक्षित रखें – यह आपके केस की प्रगति देखना आसान बनाता है। कुछ मामलों में आप वकील की मदद ले सकते हैं, पर कई छोटे याचिकाएँ आप खुद भी लिख सकते हैं।

ध्यान रखें, सही जानकारी और साफ़ भाषा ही आपकी याचिका को प्रभावी बनाती है। अगर आप जटिल मामलों में पड़ते हैं, तो पेशेवर सलाह लेना बेहतर रहेगा, पर मूल बात यह है कि आपका अधिकार लिखित रूप में प्रस्तुत हो, तभी अदालत उसे देख पाएगी।

भारत में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका कौन दायर कर सकता है?
1 अग॰ 2023
अनिर्विन्द कसौटिया

भारत में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका कौन दायर कर सकता है?

अरे वाह! आपने मेरी पसंदीदा विषय पर प्रश्न पूछा, भारत के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका कौन दायर कर सकता है? अब, अगर आप इसे एक क्रिकेट मैच समझें, तो यहां हर कोई बैट कर सकता है! मजाक अपार्ट, भारतीय संविधान के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या संगठन सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है। हाँ, आपने सही सुना! आप, मैं, हमारा पड़ोसी, यहां तक कि हमारा कुत्ता भी (अगर उसके पास वकील होता)! लेकिन, ख्याल रहे, सही मामले के बिना आपकी गेंद वापसी हो सकती है!

आगे पढ़ें