अभिनेताअभिनय अक्षय कुमार ने खुलासा किया: बेटी को ऑनलाइन गेम में फोटो मांगने वाला साइबर अपराधी
जब अक्षय कुमार, अभिनेताअभिनय ने राज्य पुलिस मुख्यालय में आयोजित साइबर जागरूकता माह 2025राज्य पुलिस मुख्यालय के शुभारंभ समारोह में बात की, तो वह सीधे एक चौंकाने वाले मामले पर पहुँचे: उनकी 13‑साल की बेटी को एक ऑनलाइन गेम के दौरान एक अजनबी ने अभद्र फोटो भेजने की मांग की थी।
घटना का विवरण और बेटी की शीघ्र प्रतिक्रिया
अभिनेताअभिनय ने बताया कि गेम के बीच में एक ‘नाइस पर्सन’ लगे उपयोगकर्ता ने चुपके से बातचीत शुरू की और बेटी से निजी फोटो भेजने को कहा। तुरंत ही बेटी ने डिवाइस बंद कर दिया, जिससे आगे के दुरुपयोग को रोका गया। अक्षय ने कहा, “वो इतनी छोटी उम्र में ही समझ गई कि यह ठीक नहीं है, इसलिए उसने तुरंत स्क्रीन बंद कर दी।” यह घटना दिखाती है कि साइबर अपराध केवल बड़े नहीं, बल्कि बच्चों को भी निशाना बनाता है।
रोहित रॉय की प्रतिक्रिया और ‘कंट्रोल’ फ़िल्म का संदर्भ
इस घोषणा के बाद रोहित रॉय, अभिनेताअभिनय ने अपनी आगामी फ़िल्म “Controll” के बारे में बात करते हुए कहा कि डिजिटल दुनिय में बच्चों को सुरक्षित रखना अब प्राथमिकता बन गया है। उन्होंने कहा, “कोई भी इस अँधेरी सायबर अपराध की लकीर से सुरक्षित नहीं है – चाहे आप पब्लिक फ़िगर हों या आम नागरिक।” रोहित ने खुद भी एक फ़िशिंग स्कैम का सामना किया था, जहाँ एक दोस्त के नंबर से मैसेज आकर पैसे की मांग की गई थी। “टोन अलग था, इसलिए संदेह हुआ,” उन्होंने बताया।
साइबर अपराधियों के नए हथियार – एआई और डीपफ़ेक
अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि एआई‑आधारित तकनीकें अपराधियों को और भी चतुर बना रही हैं। अक्षय ने बताया कि आज फ़िशिंग, OTP स्कैम, डीपफ़ेक, वॉइस क्लोनिंग और फेस क्लोनिंग जैसी तकनीकों से किसी भी उम्र के लोगों को निशाना बनाया जा सकता है। वह यह भी जोड़ते हैं कि लोग सोशल मीडिया पर जितनी ज्यादा व्यक्तिगत जानकारी डालते हैं, उतनी ही आसानी से हैकर उन्हें टार्गेट कर सकते हैं।
मुख्य तथ्य
- अक्षय कुमार की बेटी को ऑनलाइन गेम के दौरान फोटो माँगने वाला स्कैम मिला।
- घटना का खुलासा साइबर जागरूकता माह 2025 के उद्घाटन में हुआ।
- रोहित रॉय ने अपनी फ़िल्म “Controll” के माध्यम से डिजिटल अपराधों पर प्रकाश डाला।
- एआई‑सक्षम धोखाधड़ी (फिशिंग, डीपफ़ेक) ने संभावित पीड़ितों की संख्या में 2024‑2025 में 37 % तक वृद्धि की।
- पुलिस ने बताया कि अक्टूबर‑2025 में बच्चों को लक्षित 1,200 से अधिक साइबर‑हैनीफ्रेम केस दर्ज हुए हैं।
पुलिस और सरकार की उठाए गए कदम
राज्य पुलिस ने कहा कि अब सभी पब्लिक स्कूलों और कोचिंग सेंटर्स में साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाएगा। इसके अलावा, इंडिया साइबर सर्टिफिकेशन बॉडी ने एक नई ‘डिजिटल लिटरेसी’ मॉड्यूल जारी किया है, जिसका उद्देश्य बच्चों को ऑनलाइन रिस्क समझाने में मदद करना है।
आगे क्या होगा? भविष्य के लिए तैयारियाँ
अधिकाधिक विशेषज्ञ मानते हैं कि अगले दो साल में एआई‑ड्रिवन फ़िशिंग अटैक में 50 % की वृद्धि होगी। इसलिए, विशेषज्ञों ने सिफ़ारिश की है कि माता‑पिता को अपने बच्चों के डिवाइस पर एंटी‑फिशिंग सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करना चाहिए, साथ ही हर महीने एक बार ऑनलाइन व्यवहार की समीक्षा करनी चाहिए। रोहित रॉय ने कहा, “फ़िल्म बनाने से ज़्यादा ज़रूरी है वास्तविक जीवन में लोगों को जागरूक करना।”

Frequently Asked Questions
अभिनेताअभिनय अक्षय कुमार की बेटी को किस प्रकार का साइबर हमला हुआ?
बेटी को एक ऑनलाइन गेम के दौरान अजनबी ने निजी तस्वीरें भेजने की मांग की। बच्ची ने तुरंत डिवाइस बंद कर दिया, जिससे आगे का दुरुपयोग रोक दिया गया।
‘Controll’ फ़िल्म किस मुद्दे को उजागर करती है?
रोहित रॉय की ‘Controll’ डिजिटल दुनिया में फ़िशिंग, डीपफ़ेक और सोशल इंजीनियरिंग जैसे साइबर अपराधों को दर्शाती है, विशेषकर बच्चों को लक्ष्य बनाते हुए।
साइबर जागरूकता माह 2025 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस अभियान का लक्ष्य नागरिकों, विशेषकर किशोरों को फ़िशिंग, एआई‑आधारित धोखाधड़ी और व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा के बारे में शिक्षित करना है, जिससे साइबर अपराधों की घटना घटे।
पैरेंट्स को अपने बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित कैसे रख सकते हैं?
बच्चों के डिवाइस पर एंटी‑फ़िशिंग टूल्स लगाएँ, सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने पर प्रतिबंध रखें, और नियमित रूप से ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी करें।
साइबर अपराध में एआई का इस्तेमाल कैसे बदल रहा है?
एआई द्वारा जनरेटेड डीपफ़ेक वीडियो, आवाज़ क्लोन और फ़िशिंग ई‑मेल अधिक विश्वसनीय होते जा रहे हैं, जिससे सामान्य उपयोगकर्ता भी भ्रामित हो रहे हैं और कई नए प्रकार के धोखे उभर रहे हैं।