आईसीसी महिला टी20 विश्व कप 2026 क्वालिफायर: नेपाल मेजबान, 12 जनवरी–2 फरवरी तक दो मुलपानी मैदानों में मुकाबले
नेपाल को बड़ा मौका: 21 दिनों में तय होंगे चार वर्ल्ड कप टिकट
महिला टी20 क्रिकेट के कैलेंडर की बड़ी खबर—नेपाल जनवरी 2026 में आईसीसी महिला टी20 विश्व कप 2026 क्वालिफायर की मेजबानी करेगा। 12 जनवरी से 2 फरवरी तक काठमांडू के लोअर मुलपानी और अपर मुलपानी क्रिकेट स्टेडियम में 21 दिनों तक 10 टीमें भिड़ेंगी। दांव बड़ा है, क्योंकि इसी टूर्नामेंट से चार टीमें इंग्लैंड और वेल्स में होने वाले मुख्य विश्व कप के लिए क्वालीफाई करेंगी।
ये भी उल्लेखनीय है कि 2026 का मुख्य टूर्नामेंट पहली बार 12 टीमों के साथ खेला जाएगा, जबकि पहले 10 टीमें हिस्सा लेती थीं। यानी क्वालिफायर की अहमियत और दबाव, दोनों पहले से ज्यादा होंगे।
मेजबानी का फायदा सिर्फ घरेलू समर्थन तक सीमित नहीं रहेगा। लंबे टूर्नामेंट के लिए अभ्यास सुविधाएं, पिच तैयारी, और मैच-दर-मैच लॉजिस्टिक्स—सब पर नेपाल क्रिकेट का असली टेस्ट होगा। जनवरी की ठंडी सुबहें, दिन में सूखा मौसम और उपमहाद्वीपीय पिचों की सुर्खियाँ—ये सारी परिस्थितियाँ परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं।
इस इवेंट से जुड़ी बुनियादी बातें साफ हो गई हैं—तिथियां, शहर और मैदान। शेष चीजें, जैसे ग्रुपिंग, मैच-टाइमिंग और टिकटिंग, आईसीसी और स्थानीय बोर्ड समय के साथ साझा करेंगे। लेकिन इतना तय है कि काठमांडू में तीन हफ्ते तक महिला टी20 का हाई-इंटेंसिटी क्रिकेट देखने को मिलेगा।
कौन-कौन, कब-कैसे: फॉर्मेट, रास्ते और वर्ल्ड कप की तस्वीर
क्वालिफायर में 10 टीमें होंगी। फिलहाल पांच टीमें पक्की हैं—दो टीमों को सीधे प्रवेश मिला है, तीन टीमें क्षेत्रीय रास्ते से आई हैं। बाकी पांच स्लॉट चल रहे रीज़नल क्वालिफायर से तय होंगे।
- सीधे प्रवेश (2024 महिला टी20 विश्व कप में खेलने के आधार पर): बांग्लादेश, स्कॉटलैंड
- एशिया क्वालिफायर: थाईलैंड, नेपाल (मेजबान)
- अमेरिका क्षेत्र: संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए)
शेष पाँच में से—अफ्रीका से दो, यूरोप से दो और ईस्ट एशिया–पैसिफिक से एक टीम आएगी। यूरोप क्वालिफायर 20 अगस्त से शुरू हो चुका है, जहाँ जर्मनी, आयरलैंड, इटली और नीदरलैंड्स दो स्थानों के लिए लड़ रही हैं। अफ्रीका और ईएपी के कार्यक्रमों की खिड़कियाँ आईसीसी कैलेंडर के अनुसार आगे की तारीख़ों में पूरी होंगी।
टूर्नामेंट का फॉर्मेट सरल लेकिन प्रतिस्पर्धी है—शुरुआत में दो ग्रुप, हर एक में पाँच टीमें। इसके बाद बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली टीमें सुपर सिक्स चरण में जाएँगी। अंत में फाइनल होगा, और उस समय तक चार क्वालिफाइंग टीमें तय हो चुकी होंगी। इस ढांचे में हर मैच का मूल्य बढ़ जाता है, क्योंकि नेट रन रेट और पॉइंट्स, दोनों की अहम भूमिका रहती है।
मुख्य टूर्नामेंट की तस्वीर भी काफी हद तक साफ है। आठ टीमें पहले ही 2026 महिला टी20 विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं। 2024 संस्करण के प्रदर्शन के आधार पर छह—ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और वेस्ट इंडीज। आईसीसी रैंकिंग के जरिए दो—पाकिस्तान और श्रीलंका। बाकी चार स्थान नेपाल क्वालिफायर से भरेंगे। 2024 का खिताब न्यूज़ीलैंड ने दुबई में दक्षिण अफ्रीका को हराकर जीता था, इसलिए 2026 में वे डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में उतरेंगी।
इंग्लैंड और वेल्स में विश्व कप 12 जून से 5 जुलाई 2026 तक 24 दिनों में खेला जाएगा। 33 मैच सात मैदानों पर होंगे—जिनमें मैनचेस्टर का ओल्ड ट्रैफर्ड, लीड्स का हेडिंग्ले, साउथैम्पटन का हैम्पशायर बाउल और ब्रिस्टल काउंटी ग्राउंड जैसे बड़े स्थल शामिल हैं। बड़े मैदान, बड़ा प्रसारण और अधिक टीमें—यह विस्तार महिला क्रिकेट के बढ़ते असर को दिखाता है।
नेपाल के लिए यह आयोजन प्रतिष्ठा के साथ अवसर भी है। तीन हफ्तों तक आने-जाने वाली टीमों, अधिकारियों और फैंस की मेजबानी स्थानीय अर्थव्यवस्था—होटल, ट्रैवल, खाद्य सेवाओं—को गति देगी। खेल पर्यटन जैसे नए सेगमेंट को भी धक्का मिल सकता है। स्थानीय खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के लिए यह सीखने का बेहतरीन मौका होगा—मैच ऑपरेशंस से लेकर पिच क्यूरेशन और ब्रोडकास्ट-रेडी इन्फ्रास्ट्रक्चर तक।
टीमों की रणनीति भी दिलचस्प रहेगी। उपमहाद्वीपीय हालात में स्पिन, पावरप्ले में विकेट-टू-विकेट गेंदबाजी और डेथ ओवर्स में यॉर्कर—ये सभी तत्व मैच टेम्पो तय करेंगे। थाईलैंड जैसी तकनीकी रूप से अनुशासित टीमों, नेपाल जैसी उभरती मेजबान टीम, और अमेरिका जैसी तेज़ी से सीख रही टीम के लिए यह मंच अहम है। बांग्लादेश और स्कॉटलैंड जैसी इकाइयाँ अनुभव के बूते स्थिरता ला सकती हैं।
शेड्यूलिंग की बात करें तो 21 दिनों की खिड़की ग्रुप मैचों, संभावित विश्राम दिनों और सुपर सिक्स के बीच संतुलन बनाती है। बैक-टू-बैक गेम्स की थकान और ऊँचाई-सर्दी के संयोजन से टीम मैनेजमेंट की भूमिका निर्णायक होगी—रोटेशन, रिकवरी और मैच-अप आधारित चयन जैसे फैसले जीत-हार तय कर सकते हैं।
अगला पड़ाव स्पष्ट है—यूरोप, अफ्रीका और ईस्ट एशिया–पैसिफिक क्वालिफायर अपने विजेताओं/फाइनलिस्टों को भेजेंगे, जिसके बाद ड्रॉ और पूर्ण मैच-वार कार्यक्रम घोषित होगा। जैसे-जैसे टीमें स्पष्ट होंगी, वार्म-अप मैचों और अभ्यास सत्रों की सूचनाएँ भी सामने आएंगी।
महिला क्रिकेट के लिए यह साल-दर-साल आगे बढ़ने का संकेत है। 12-टीमों वाला विश्व कप, 33 मैच और सात प्रमुख मैदान—और उससे पहले नेपाल में 21 दिनों का हाई-स्टेक्स क्वालिफायर। अब नज़र इस पर है कि कौन-सी चार टीमें मुलपानी से होकर इंग्लैंड-वेल्स की टिकट काटती हैं।