भारत ने 2025 में वेस्टइंडीज को 2-0 से हराकर घरेलू टेस्ट सीरीज में 1994 के बाद से अजेय रिकॉर्ड जारी रखा
अहमदाबाद और दिल्ली में खेली गई दो टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत ने वेस्टइंडीज को 2-0 से हराकर घरेलू टेस्ट सीरीज में 1994 के बाद से अपना अजेय रिकॉर्ड जारी रखा। ये सीरीज न सिर्फ एक जीत थी, बल्कि एक ऐसा संदेश था जो दुनिया को बता रहा था कि भारतीय क्रिकेट अब केवल घरेलू धरती पर ही नहीं, बल्कि अपने खिलाड़ियों के दिमाग में भी अपनी जगह बना चुका है। पहला टेस्ट 2-4 अक्टूबर, 2025 को नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद में और दूसरा 10-14 अक्टूबर को अरुण जेटली स्टेडियम, दिल्ली में खेला गया। दोनों मैचों में वेस्टइंडीज ने टॉस जीता, लेकिन बल्लेबाजी के बाद भी उनका जवाब नहीं बन पाया।
पहले टेस्ट में गेंदबाजों की धुन
पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की, लेकिन उनकी पहली पारी 162 रन पर ही समाप्त हो गई। मोहम्मद सिराज ने 14 ओवर में 4 विकेट लेकर 40 रन दिए — उनकी गेंदबाजी जैसे बारिश की बूंदें जो जमीन पर बिना आवाज के गिर रही थीं। भारत ने जवाब में 448/5 घोषित किया, जिसमें ध्रुव जुरेल ने अपनी पहली टेस्ट शतक (125 रन) बनाकर अपने नाम को अमर कर दिया। दूसरी पारी में वेस्टइंडीज को 146 रन पर ढेर कर दिया गया, जहां रवींद्र जडेजा ने 4 विकेट लेकर विजय का ताला बंद कर दिया।
दूसरे टेस्ट में बल्लेबाजी का जश्न
दिल्ली में दूसरा टेस्ट और भी धमाकेदार रहा। भारत ने पहली पारी में 518/5 घोषित किया — जिसमें यशस्वी जायसवाल का 175 रन का अर्धशतक नहीं, पूरा शतक था, जो बल्ले के साथ एक नाटक था। वेस्टइंडीज की पहली पारी 248 रन पर समाप्त हुई, जहां कुलदीप यादव ने 5 विकेट लेकर उनकी बल्लेबाजी को नष्ट कर दिया। जब वेस्टइंडीज ने फॉलो-ऑन किया और 390 रन बनाए, तो भारत को बस 121 रनों की जरूरत थी। केएल राहुल ने 58 गैर-आउट रनों के साथ बल्लेबाजी की शुरुआत की, और बाकी का तो अपने आप हो गया।
रिकॉर्ड्स और ऐतिहासिक वक्त
इस सीरीज में कई रिकॉर्ड बने। जसप्रीत बुमराह ने घरेलू टेस्ट में 50 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया — वह जवगल श्रीनाथ के रिकॉर्ड को बराबर कर गए, सिर्फ 24 पारियों में। वेस्टइंडीज के जॉन कैम्पबेल ने अपने 1,000 टेस्ट रन पूरे किए, लेकिन ये रिकॉर्ड भी एक खाली बक्से की तरह लगा — क्योंकि टीम नहीं जीत पाई। भारत ने सीरीज में 12 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पॉइंट्स हासिल किए, जबकि वेस्टइंडीज को शून्य।
ये सीरीज एक ऐतिहासिक लंबे समय के रिकॉर्ड को और मजबूत कर रही है। 1994 के बाद से वेस्टइंडीज ने भारत में एक भी टेस्ट नहीं जीता। आखिरी बार उन्होंने जीत दर्ज की थी दिसंबर 1994 में मोहाली में। अब तक 101 टेस्ट मैचों में वेस्टइंडीज के पास 30 जीत हैं, भारत के पास 24। लेकिन अगर आप देखें कि पिछले पांच मैचों में भारत ने सभी जीते हैं — तो ये साफ है कि भारत अब दुनिया के सबसे कठिन टेस्ट टीम नहीं, बल्कि घरेलू धरती पर अजेय टीम बन चुका है।
क्यों ये जीत इतनी बड़ी है?
क्योंकि ये सिर्फ एक सीरीज नहीं है। ये एक अर्थ का बदलाव है। 2000 के दशक में वेस्टइंडीज दुनिया की सबसे डरावनी टीम थी। आज वो एक टीम है जिसे भारत की गेंदबाजी के सामने बिना बल्ले लिए बैठना पड़ रहा है। जब भारत के युवा बल्लेबाज जैसे ध्रुव जुरेल और यशस्वी जायसवाल शतक बनाते हैं, तो ये सिर्फ रन नहीं, बल्कि भविष्य की ऊर्जा है। और जब बुमराह, सिराज और कुलदीप जैसे गेंदबाज एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ते हैं, तो ये सिर्फ विकेट नहीं, बल्कि एक संदेश है: भारत अब टेस्ट क्रिकेट का नियम बना रहा है।
अगला कदम: ऑस्ट्रेलिया के लिए तैयारी
इस सीरीज के बाद भारत की नजर अगले साल ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर है। ऑस्ट्रेलिया वही टीम है जिसने 2020 में भारत को घर पर हराया था। अब भारत ने अपनी आत्मविश्वास को वेस्टइंडीज के खिलाफ बहुत बड़े अंदाज में बढ़ा दिया है। अगर भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी ऐसा ही आत्मविश्वास दिखाए, तो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भी भारत के घर ही आ सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट में पिछली बार कब जीत दर्ज की थी?
भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट में 1994 के बाद से कोई हार नहीं दी है। आखिरी बार वेस्टइंडीज ने भारत में टेस्ट जीता था दिसंबर 1994 में मोहाली में, जहां उन्होंने 3 विकेट से जीत हासिल की थी। उसके बाद भारत ने 24 मैचों में 14 जीत दर्ज की हैं, जिसमें 2025 की यह सीरीज भी शामिल है।
इस सीरीज में भारत के सबसे अच्छे बल्लेबाज और गेंदबाज कौन थे?
सीरीज के सबसे अधिक रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (219 रन), केएल राहुल (196 रन) और शुभमन गिल (192 रन) थे। गेंदबाजी में कुलदीप यादव (12 विकेट) ने सबसे ज्यादा विकेट लिए, उसके बाद मोहम्मद सिराज (10 विकेट) और रवींद्र जडेजा (8 विकेट)। सिराज का बॉलिंग स्ट्राइक रेट 29.40 था, जो इस सीरीज का सबसे अच्छा था।
क्या इस सीरीज में कोई नया खिलाड़ी डेब्यू कर गया?
हां, वेस्टइंडीज के दो युवा खिलाड़ी जोहान लेन और खारी पियरे ने पहले टेस्ट में अपना टेस्ट डेब्यू किया। भारत की ओर से ध्रुव जुरेल ने अपना पहला टेस्ट शतक बनाकर अपने नाम को अमर कर दिया, जो उनके लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
भारत के घरेलू टेस्ट रिकॉर्ड के बारे में क्या कहा जा सकता है?
भारत ने 2015 के बाद से घरेलू टेस्ट में लगातार 27 मैच जीते हैं — ये एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। वेस्टइंडीज के खिलाफ यह 2-0 जीत इस रिकॉर्ड का एक और साबित उदाहरण है। भारत अब घरेलू मैचों में अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी के संयोजन के साथ दुनिया की सबसे डरावनी टीम बन चुका है।