प्राचीन क्या है? आसान भाषा में समझें

जब हम शब्द "प्राचीन" सुनते हैं, तो दिमाग में पुराने महलों, ढहते शहरों और धूल भरी कलाकृतियों की छवि आती है। लेकिन प्राचीन सिर्फ पुरानी इमारतें नहीं, बल्कि वह समय भी है जब मानव ने पहला भाषा, संगीत और नियम बनाया। इस पेज में हम इसी प्राचीन समय की छोटी‑छोटी बातें साझा करेंगे, जिससे आपको इतिहास के बड़े हिस्से को समझना आसान हो।

प्राचीन इतिहास की झलक

लगभग 5,000 साल पहले, दक्षिण भारत में तमिल सभ्यता का विकास शुरू हुआ। लोग पत्थर से बने औज़ार इस्तेमाल करते थे, फिर धीरे‑धीरे धातु तक पहुँचे। इस समय से हमें शिलालेख, टायलर और गुप्त लेख मिलते हैं जो रोज़मर्रा के जीवन की कहानी बताते हैं।

इसी अवधि में जलवायु का बड़ा बदलाव हुआ। मानसून की बारिश ने नदियों को भर दिया और कच्चे धान के खेतों को फलने‑फूलने में मदद की। किसान अपने भाई‑बहनों के साथ मिलकर सिंचाई प्रणाली बनाते थे, और यही से आज की जल प्रबंधन की नींव रखी गई।

प्राचीन काल में व्यापार भी महत्वपूर्ण था। समुद्री मार्गों से मौंगो, कांस्य और मोती अन्य क्षेत्रों तक पहुँचे। इस कारण तमिल प्राचीन नगरों में विदेशी वस्तुएँ मिलती थीं, और लोगों ने नई भाषा और रीति‑रिवाज़ अपनाए।

प्राचीन कला और साहित्य की बातें

तमिल भाषा के सबसे पुराने ग्रन्थ "थिरुक्कुराल" के श्लोक अभी भी पढ़े जाते हैं। इन श्लोकों में प्रेम, वीरता और नैतिकता की कहानियाँ हैं। लेखकों ने अपनी भावनाओं को सरल शब्दों में लिखा, जिससे कोई भी इसे समझ सके। यही कारण है कि आज भी लोग उन श्लोकों को गुनगुनाते हैं।

कला के क्षेत्र में पक्की मिट्टी के बर्तनों और कांस्य के बर्तनों की सुंदर आकृतियाँ देखी जा सकती हैं। इनमें जटिल पैटर्न और जानवरों के चित्र होते थे, जो न केवल सजावटी बल्कि धार्मिक भी होते थे। मंदिरों की दीवारों पर उकेरे गए फ्रीस्टाइल चित्र, नाचते देवताओं और युद्ध के दृश्य को दिखाते हैं।

संगीत भी प्राचीन जीवन का अहम हिस्सा था। नाड़ी, मुरली और सातर जैसी वाद्य यंत्रों के साथ लोग शादी, पूजा और सामाजिक जश्न में गाते‑बजाते थे। इन वाद्य यंत्रों की ध्वनि आज भी कई तमिल समारोहों में सुनाई देती है।

यदि आप प्राचीन कला को देखते‑सुनते हैं, तो आपको लगता है कि समय के साथ सब कुछ बदल गया है, पर असल में भावना और आत्मा वही रहती है। यही कारण है कि कई लोग पुराने कलाकृतियों को देखकर भावुक हो जाते हैं।

समय तमिल भारत में हम इन प्राचीन तथ्यों को सरल भाषा में पेश करते हैं, ताकि आप हर रोज़ नई चीज़ें सीख सकें। चाहे आप छात्र हों, इतिहास के शौकीन हों या सिर्फ जिज्ञासु, यहाँ पर आपको उपयोगी जानकारी मिलेगी।

तो अगली बार जब आप किसी प्राचीन स्थल का दौरा करें, तो इन बातों को याद रखें। इतिहास सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि हमारे चारों ओर की चीज़ों में भी बसा है।

प्राचीन युग में भारतीय बच्चों की जिंदगी कैसी थी?
1 मार्च 2023
अनिर्विन्द कसौटिया

प्राचीन युग में भारतीय बच्चों की जिंदगी कैसी थी?

प्राचीन युग में भारतीय बच्चों की जिंदगी अत्यंत सुंदर और समृद्ध थी। वे नौकरी के लिए अपनी उम्र को हरेक काम के लिए उपयोग करते थे। प्राचीन युग में बच्चों को ज्ञान और सीखने के लिए अत्यंत समर्पित था। वे प्राचीन व्यापारी व्यवस्था से अधिकतर समय में अपने परिवार की नींव को सहेजने के लिए जुट जाते थे। प्राचीन युग में बच्चों के लिए व्यवसाय और आर्थिक सुधार की सुविधा उपलब्ध थी। वे अपने जीवन में अत्यंत कठिन परिश्रम और प्रतिस्पर्धा को सामना करते थे।

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