आप "समय तमिल भारत" पर युग टैग देख रहे हैं। यहाँ हर लेख कुछ न कुछ ‘युग’ या समय‑सम्बंधी पहलू से जुड़ा है। चाहे क्रिकेट क्वालिफायर की खबर हो या अदालत में याचिका दायर करने की जानकारी – सभी एक ही टैग में मिलते हैं। इससे आप एक ही जगह पर कई अलग‑अलग ‘युग’ के बदलाव देख सकते हैं।
सबसे पहले आपको खेल से जुड़े लेख मिलेंगे। उदाहरण के लिए, आईसीसी महिला टी20 क्वालिफायर नेपाल में कब और कहाँ खेला जाएगा, इसका पूरा विवरण यहाँ है। इसी तरह, क्रिकेट, फुटबॉल या किसी और खेल की टाइम‑लाइन के बारे में भी आप यहाँ पा सकते हैं।
दूसरा बड़ा वर्ग है कानूनी ‘युग’। हमने ऐसे लेख रखे हैं जो बताते हैं कि भारत की सुप्रीम कोर्ट में याचिका कौन दायर कर सकता है या विशेष केस की सुनवाई कब होगी। इन पोस्टों में कानूनी प्रक्रिया को आसान भाषा में समझाया गया है, ताकि आप बिना जटिल शब्दों के समझ सकें।
तीसरा वर्ग है सामाजिक ‘युग’। यहाँ दार्शनिक सवाल, दोस्त के नशे में रहने पर व्यवहार, विदेशी लोगों की भारत में रहने की सोच जैसी चीजें हैं। ये लेख अक्सर रोज‑मर्रा की जिंदगी के छोटे‑छोटे मोड़ को दर्शाते हैं और हमें सोचने पर मजबूर करते हैं।
आखिर में कुछ लाइफ़स्टाइल और यात्रा ‘युग’ के बारे में भी लिखा गया है, जैसे कि डैलस में भारतीयों का जीवन कैसा है या 100 सीसी बाइक की औसत आयु। ये जानकारी आप अपनी रोज‑मर्रा की जरूरतों में सीधे इस्तेमाल कर सकते हैं।
पेज के ऊपर एक सर्च बॉक्स है जहाँ आप ‘युग’ के अलावा कोई भी कीवर्ड डाल सकते हैं। अगर आप सिर्फ खेल‑सम्बंधी लेख चाहते हैं, तो “क्रिकेट” या “क्वालिफायर” लिखें, तुरंत संबंधित पोस्ट लिस्ट हो जाएगी।
हर पोस्ट के नीचे टैग दिखाई देते हैं। उनपर क्लिक करके आप समान विषय वाले अन्य लेखों तक पहुंच सकते हैं। यह तरीका समय बचाता है और आपका पढ़ने का अनुभव आसान बनाता है।
अगर आप किसी लेख को बाद में पढ़ना चाहते हैं, तो बस "बुकमार्क" बटन पर क्लिक करें। अगली बार जब आप साइट खोलेंगे, तो बुकमार्केड लेख ‘मेरे लेख’ सेक्शन में दिखेंगे।
सभी लेखों को पढ़ने के बाद आप कमेंट बॉक्स में अपना विचार लिख सकते हैं। हमारे पास बहुत सारे पाठक हैं, इसलिए आपकी राय का हमेशा स्वागत है। आपका कमेंट दूसरों को भी नया दृष्टिकोण दे सकता है।
तो देर किस बात की? युग टैग पर स्क्रॉल करके वह लेख खोलें जो आपके दिल को छूता है। चाहे खेल, कानून या रोज‑मर्रा की कहानी हो, यहाँ सब आपको एक ही जगह मिलेंगे। पढ़ते रहें, सीखते रहें, और अपने ‘युग’ को अपडेट रखें।
प्राचीन युग में भारतीय बच्चों की जिंदगी अत्यंत सुंदर और समृद्ध थी। वे नौकरी के लिए अपनी उम्र को हरेक काम के लिए उपयोग करते थे। प्राचीन युग में बच्चों को ज्ञान और सीखने के लिए अत्यंत समर्पित था। वे प्राचीन व्यापारी व्यवस्था से अधिकतर समय में अपने परिवार की नींव को सहेजने के लिए जुट जाते थे। प्राचीन युग में बच्चों के लिए व्यवसाय और आर्थिक सुधार की सुविधा उपलब्ध थी। वे अपने जीवन में अत्यंत कठिन परिश्रम और प्रतिस्पर्धा को सामना करते थे।
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