व्यवहार सिर्फ शब्द नहीं, वो आपका असर है। जब आप किसी से बात करते हैं या किसी काम को करते हैं, वही आपके व्यवहार को दिखाता है। इसलिए जब भी आप सामने वाले को सुनते या जवाब देते हैं, तुरंत सोचें कि आपका तरीका सकारात्मक है या नहीं।
घर की सबसे आसान जगह है जहाँ आप अपना व्यवहार सुधार सकते हैं। जैसे, अगर बच्चा कुछ मज़ाक कर रहा है तो तुरंत हँसें या समझाएं कि कब मज़ाक ठीक है और कब नहीं। दादी-दादाजी के साथ बात करते समय भले ही आप व्यस्त हों, थोड़ा समय निकाल कर उनका दिन पूछें। इससे रिश्ते मजबूत होते हैं और आपसी समझ बढ़ती है।
मसले को हल्के शब्दों में बताना भी असरदार होता है। अगर किसी ने गलती की है, तो ‘तुम हमेशा यही करते हो’ कहने के बजाय ‘इस बार क्या हुआ, हम साथ मिलकर सुधारते हैं’ कहना बेहतर रहता है। इससे सामने वाला बच नहीं जाता, बल्कि सहयोगी बन जाता है।
ऑफ़िस में आपका व्यवहार वही बना रहता है जो आपका काम भी करता है। मीटिंग में जब आप अपनी बात रख रहे हों, तो दूसरों को बीच में नहीं रोकें। अगर कोई आपका काम बिगाड़े, तो गुस्सा दिखाने की बजाय ‘मैं इसे फिर से कैसे ठीक करूँ?’ पूछें। यह रवैया टीम की ऊर्जा को तेज रखता है।
ईमेल या चैट में भी टोन महत्वपूर्ण है। छोटे-छोटे ‘धन्यवाद’ और ‘कृपया’ शब्द आपके संदेश को मैत्रीपूर्ण बनाते हैं। दो-तीन लाइन की स्लीक रायटरर से भी ज्यादा असरदार होता है, क्योंकि लोग तुरंत समझते हैं कि आप कैसे सोचते हैं।
यदि आप लीडर हैं, तो अपने व्यवहार से टीम को गाइड करें। देर से आने वाले को याद दिलाने की बजाय ‘हमें आज कौन से टास्क पूरे करने हैं?’ पूछें। इससे लोगों को समझ आता है कि लक्ष्य क्या है, न कि आपका गुस्सा।
समाजिक माध्यमों पर आपका व्यवहार भी उतना ही महत्वपूर्ण है। एक पोस्ट पर ‘क्या बात है!’ लिखने की बजाय ‘बहुत बढ़िया विचार, इस पर थोड़ा और बताइए’ लिखें। छोटी सी शिष्टाचार अंतर पैदा करती है।
ऑनलाइन विवादों में अक्सर लोग जल्दी गुस्सा कर देते हैं। ऐसे में एक गहरी सांस लेकर ‘मैं इस पर कुछ नया सीखना चाहता हूँ’ लिखें। इससे वार्तालाप फोकस में रहता है और आप अनावश्यक टकराव से बचते हैं।
व्यवहार बदलना कठिन लग सकता है, लेकिन छोटे-छोटे कदम से शुरू करें। हर दिन एक बार सोचें कि आप क्या बेहतर कर सकते थे, फिर अगली बार वही सुधार अपनाएँ।
अंत में, याद रखें कि व्यवहार आपका प्रतिबिंब है। जो आप दूसरों से प्राप्त करना चाहते हैं, वही पहले खुद में लाएँ। चाहे घर हो, ऑफिस या सोशल मीडिया, सही व्यवहार से आप हमेशा बेहतर कनेक्शन बनाते हैं।
ब्लॉग पर जो सबसे हंसमुख और अजीब विषय है, वह है - "आपके दोस्त नशे में होने पर कैसा व्यवहार करते हैं?" ये अनुभव मेरे दोस्तों की नशे की स्थिति को जानने का एक मजेदार तरीका था। वे आमतौर पर ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे कि वे दुनिया के सबसे बड़े फिलॉसोफर हों, हालांकि उनकी बातें अधिकतर अस्पष्ट होती हैं। फिर भी, उनके विचित्र और हास्यास्पद व्यवहार से हमेशा आनंद आता है। तो दोस्तों, अगर आपके दोस्त नशे में हैं, तो बस हंसते रहिए और उनके बीलकुल अनोखे व्यवहार का आनंद लीजिए।
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